Food Security Scheme 2025 Update: केंद्र सरकार की फूड सिक्योरिटी स्कीम के तहत देश के विभिन्न हिस्सों में राशन कार्ड से जुड़े नियमों में बदलाव किया गया है। इस महीने से 34 लाख लोगों को फ्री गेहूं मिलने पर रोक लगा दी गई है। सरकार का कहना है कि यह कदम फूड सिक्योरिटी की व्यवस्था को मजबूत करने और वास्तविक जरूरतमंदों को उचित राशन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उठाया गया है। इससे प्रभावित होने वाले लोग अब सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के माध्यम से गेहूं प्राप्त नहीं कर पाएंगे।
Food Security Scheme 2025: कौन से जिले प्रभावित हुए?
यह निर्णय खास तौर पर उन राज्यों और जिलों में लिया गया है, जहां राशन कार्डों की संख्या में बेमेल वृद्धि हुई थी या फर्जी राशन कार्डों का इस्तेमाल किया जा रहा था। सरकार ने 34 लाख राशन कार्ड को ब्लॉक (रद्द) कर दिया है, जिनमें कई कार्ड ऐसे थे, जिनका वास्तविक जरूरतमंदों से कोई संबंध नहीं था।
पिछले कुछ महीनों में फूड सिक्योरिटी स्कीम के तहत राशन कार्डों के गलत तरीके से वितरण और इस्तेमाल के कई मामले सामने आए थे। कई जिलों में फर्जी राशन कार्ड पकड़े गए, जिसके कारण सरकार ने इस कदम को उठाया। विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे बड़े राज्यों में इस फैसले का असर देखा जाएगा।
फ्री गेहूं वितरण में बदलाव के कारण
फ्री गेहूं वितरण योजना के अंतर्गत पहले सरकार ने गरीब और जरूरतमंद परिवारों को गेहूं और चावल मुफ्त में देने का निर्णय लिया था। लेकिन, अब सरकार द्वारा किए गए राशन कार्ड ब्लॉक के बाद लाखों लोग इस सुविधा से वंचित हो जाएंगे। इस कदम का मुख्य उद्देश्य यह है कि केवल वास्तविक और पात्र लाभार्थियों को ही फ्री राशन की सुविधा मिले।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह कदम भ्रष्टाचार और काले बाजारी को रोकने के लिए उठाया गया है। कई ऐसे मामले सामने आए थे, जहां फर्जी राशन कार्डों के माध्यम से लोगों को मुफ्त में गेहूं और चावल मिल रहा था, जबकि ये लोग इसका कोई हकदार नहीं थे। इस स्थिति को सुधारने के लिए सरकार ने राशन कार्डों की समीक्षा की और उन कार्डों को ब्लॉक किया, जिनके पास योग्य दस्तावेज नहीं थे।
जरूरतमंदों को मिलेगा लाभ
फूड सिक्योरिटी स्कीम में किए गए इस बदलाव के बावजूद, सरकार का कहना है कि जो वास्तविक जरूरतमंद हैं, उन्हें किसी भी हाल में खाद्यान्न की कमी नहीं होगी। सरकार ने सभी पात्र परिवारों के लिए नया राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे केवल सही लाभार्थियों को फ्री गेहूं और चावल मिल सके। इसके अलावा, सरकार ने जनधन खाते और आधार कार्ड की कड़ी निगरानी में भी बदलाव किए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी फर्जी कार्ड का इस्तेमाल न कर सके।
राशन कार्ड की जांच और अपडेशन प्रक्रिया
केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों से यह निर्देश दिया है कि वे राशन कार्डों की समीक्षा करें और सभी कार्डधारकों की जानकारी अपडेट करें। सभी लाभार्थियों को अपने राशन कार्ड से जुड़ी जानकारी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से चेक करने की सुविधा दी जाएगी। राज्य सरकारें हर जिले में राशन कार्ड की सत्यापन प्रक्रिया चला रही हैं, जिसमें आधार कार्ड और आय प्रमाण पत्र जैसी जरूरी जानकारी को सही तरीके से जांचा जाएगा।
राज्य सरकारों के साथ मिलकर केंद्र सरकार ने राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं।
क्यों जरूरी है राशन कार्ड की सही निगरानी?
राशन कार्ड की सही निगरानी और ब्लॉक करने की प्रक्रिया बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सीधे तौर पर गरीबों और जरूरतमंदों के जीवन से जुड़ा है। फूड सिक्योरिटी स्कीम का उद्देश्य यह है कि सरकार द्वारा दिए गए राशन का वास्तविक लाभ उन तक पहुंचे जो इसके असली हकदार हैं। अगर इस प्रक्रिया में कोई धोखाधड़ी होती है, तो वह वास्तविक लाभार्थियों के लिए एक बड़ी समस्या बन सकती है।